राष्ट्रीय

विदेश रोजगार के लिए बनेगी वेबसाइट और मोबाइल ऐप : मुख्यमंत्री

शिमला मदन शर्मा 3 जुलाई, 2025

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने श्रम एवं रोजगार विभाग को निर्देश दिए हैं कि विदेशों में रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक समर्पित वेबसाइट और मोबाइल ऐप विकसित की जाए। यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ऐसे सभी इच्छुक युवाओं का संपूर्ण डेटा संकलित करेगा, जिससे पारदर्शिता, पहुंच और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हिमाचल प्रदेश के युवा मेहनती, ईमानदार और योग्य हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य उन्हें विदेशों में बेहतर वेतन वाली नौकरियाँ दिलवाना और संभावित शोषण से बचाना है।”

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (HPSEDC) को पंजीकृत भर्ती एजेंसी का लाइसेंस प्राप्त हो गया है। उन्होंने HPSEDC को प्रमाणित प्रशिक्षण एजेंसियों के साथ मिलकर युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर की नौकरियों के लिए उपयुक्त कौशल प्रदान करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हर साल लगभग 10,000 हिमाचली युवा रोजगार की तलाश में विदेश जाते हैं, जबकि 5,000 से अधिक छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश रुख करते हैं। हालांकि, सही जानकारी और मार्गदर्शन की कमी के चलते यह संख्या अपनी संभावनाओं से काफी कम है। वर्ष 2023-24 में विदेशों में कार्यरत हिमाचली नागरिकों ने कुल ₹2,030 करोड़ की राशि अपने परिवारों को भेजी, जो राष्ट्रीय स्तर पर कुल प्रेषण (रेमिटेंस) का लगभग 0.2 प्रतिशत है — जो प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

श्री सुक्खू ने बताया कि विदेशों में नर्स, वेटर, हेल्थकेयर वर्कर, क्लर्क, ड्राइवर (लाइट और हैवी ड्यूटी), मशीन ऑपरेटर, सुरक्षा गार्ड, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, बढ़ई, राजमिस्त्री, वेल्डर और मैकेनिक जैसे कुशल कर्मियों की मांग है। हिमाचल के युवा इन क्षेत्रों में पूरी तरह सक्षम हैं और HPSEDC इनके विदेशों में नियोजन के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने श्रम एवं रोजगार विभाग को यह भी निर्देश दिए कि युवाओं को सुरक्षित और वैध तरीकों से विदेश जाने की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए और उन्हें केवल पंजीकृत भर्ती एजेंसियों के माध्यम से ही विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि केरल और तेलंगाना जैसे राज्यों के विदेश रोजगार मॉडल का अध्ययन कर हिमाचल प्रदेश के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की जाए।

उन्होंने कहा कि देश में केरल में प्रति 1,000 में से 57.94 लोग विदेशों में कार्यरत हैं जबकि हिमाचल में यह आंकड़ा मात्र 5.36 है। इस अंतर को पाटने के लिए रणनीतिक योजना की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि प्रवासी हिमाचली (NRIs) का एक विस्तृत डेटाबेस भी तैयार किया जाए।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विधायक सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर, सचिव प्रियंका बसु एवं रकिल काहलों, श्रमायुक्त वीरेंद्र शर्मा और विदेश मंत्रालय के प्रवासी संरक्षण अधिकारी यशु दीप सिंह भी उपस्थित थे।

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