सोशल मीडिया पर भिड़े मंत्री पिता और बेटे – ट्रांसफर विवाद ने बढ़ाई सियासी गर्मी

कांगड़ा मदन शर्मा
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ तब आया, जब कांग्रेस सरकार के कृषि मंत्री चंद्र कुमार और उनके बेटे, पूर्व सीपीएस नीरज भारती के बीच सोशल मीडिया पर ही तीखी नोकझोंक हो गई। मामला उनके विधानसभा क्षेत्र में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों को लेकर उठा, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर मंत्री के इस्तीफे की अफवाहें भी उड़ने लगीं।
हालांकि खुद कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने शिमला में मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि इस्तीफे जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने माना कि उनके बेटे नीरज भारती कुछ ट्रांसफर एडजस्टमेंट से नाराज़ थे, लेकिन यह केवल चुनाव क्षेत्र में बाहरी हस्तक्षेप के कारण उत्पन्न स्थिति थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा कर समाधान निकाला गया है।
मंत्री चंद्र कुमार ने तबादला प्रणाली को “पंडोरा बॉक्स” करार देते हुए कहा कि जब यह मामला खुलता है, तो मुश्किलें बढ़ जाती हैं। खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर की स्थिति काफी जटिल है। उन्होंने खुलासा किया कि आजकल लोग प्रमोशन के बाद भी दूर नहीं जाना चाहते — जो एक स्टेशन पर 12–15 साल से जमे हैं, वे वहीं बने रहना चाहते हैं।
मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि तबादलों को लेकर आज तक कोई स्पष्ट नीति नहीं बन पाई है। उन्होंने बताया कि पहले कौल सिंह और फिर जयराम ठाकुर के कार्यकाल में ट्रांसफर नीति पर कमेटियां बनी थीं, लेकिन व्यावहारिक नीति लागू नहीं हो सकी क्योंकि नेता ही इन नियमों को तोड़ने में लगे रहते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल सत्ता पक्ष के भीतर की असहमति को उजागर किया है, बल्कि सोशल मीडिया के ज़रिए पारिवारिक मतभेदों के राजनीतिक मंच पर आने का एक नया उदाहरण भी सामने रख दिया है।