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अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI-171 की दुर्घटना को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे से ठीक पहले विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति रुक गई थी। जैसे ही पायलटों को इसका अंदाजा हुआ, उन्होंने तुरंत ईंधन कंट्रोल स्विच दोबारा चालू कर दिए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
यह घटना विमान के उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद हुई, जब विमान केवल 625 फीट की ऊंचाई पर था। इतनी कम ऊंचाई और सीमित समय में दोबारा इंजन चालू करना असंभव था। रिपोर्ट में cockpit में हुई बातचीत का जिक्र करते हुए बताया गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा — “तुमने कटौती क्यों की?”, जवाब मिला — “मैंने कुछ नहीं किया।”
AAIB ने रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया है कि दोनों पायलटों ने विमान को बचाने का साहसिक प्रयास किया। 10 से 14 सेकंड के भीतर दोनों ईंधन स्विच ‘रन’ मोड में कर दिए गए थे और इंजन दोबारा चालू होने की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी थी। लेकिन ऊंचाई और समय की कमी के कारण विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बोइंग 787-8 विमान (VT-ANB) का रखरखाव पूरी तरह दुरुस्त था और ईंधन कंट्रोल सिस्टम में किसी प्रकार की खराबी की कोई सूचना पिछले वर्षों में दर्ज नहीं की गई थी। हालांकि यह सवाल जरूर उठता है कि वर्ष 2018 में अमेरिकी FAA द्वारा जारी एडवाइजरी के बावजूद एयरलाइन ने ईंधन स्विच लॉकिंग प्रणाली की जांच क्यों नहीं करवाई।
AAIB ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट प्रारंभिक है और अंतिम निष्कर्ष में बदलाव संभव है।