राजनीतिक दलों को भी देना होगा अपने कार्यकर्ताओं को आरक्षण – राजीव शर्मा

सोलन मदन शर्मा 28 जून 2025

राजनीति में सत्ता की लड़ाई भले ही नेताओं के नाम पर लड़ी जाती हो, लेकिन असली रणभूमि के योद्धा वे जमीनी कार्यकर्ता होते हैं, जो दिन-रात पार्टी के लिए पसीना बहाते हैं। इसी हकीकत को उजागर करते हुए आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अब समय आ गया है कि राजनीतिक दल अपने समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था करें।

राजीव शर्मा ने सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि यह दोनों पार्टियां अपने मेहनती कार्यकर्ताओं का निरंतर शोषण करती आ रही हैं। चुनाव के समय ये कार्यकर्ता पूरे समर्पण के साथ जन-जन तक पार्टी का संदेश पहुंचाते हैं, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें भुला दिया जाता है। सत्ता में आने वाले मंत्री अपने निजी स्वार्थों और रिश्तों को तरजीह देते हैं, और कार्यकर्ताओं का योगदान दरकिनार कर दिया जाता है।

उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आज राजनीति “ससुर-दामाद” और “जीजा-साला” संस्कृति का रूप लेती जा रही है, जहां केवल अपने रिश्तेदारों को आगे बढ़ाने की प्रवृत्ति हावी है। जबकि वो कार्यकर्ता, जिन्होंने वर्षों तक पार्टी के लिए दिन-रात एक किया, आज हाशिये पर धकेल दिए गए हैं।

राजीव शर्मा ने आह्वान किया कि अब कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं और तीसरे विकल्प को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ही एकमात्र ऐसा मंच है, जहां कार्यकर्ताओं का सम्मान होता है, उन्हें पद और जिम्मेदारी केवल वफादारी नहीं, योग्यता और मेहनत के आधार पर दी जाती है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली और गुजरात में आप पार्टी की सफलताएं इस बात का प्रमाण हैं कि देश का आम मतदाता अब बदलाव चाहता है। AAP अब हिमाचल के सोलन जैसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों से भी इस राजनीति की “वंशवाद” व्यवस्था को चुनौती देने को तैयार है।

निष्कर्षतः, यह वक्तव्य न केवल राजनीति में एक नई बहस को जन्म देता है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या समय आ गया है जब पार्टी कार्यकर्ताओं को भी उसी गंभीरता से देखा जाए जैसे उम्मीदवारों को।

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