शिमला 18 जुलाई, 2025
राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी सेवाओं की शुरुआत करने जा रही है, जिसके लिए जल्द ही विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से प्रदेशवासियों को उन्नत और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। भर्ती नियमों से संबंधित प्रस्ताव शीघ्र ही राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। ये विशेषज्ञ न केवल सर्जरी करेंगे, बल्कि अन्य डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी तकनीक में प्रशिक्षित भी करेंगे, जिससे राज्य में भविष्य के लिए एक दक्ष चिकित्सकीय टीम तैयार हो सके।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक तकनीक और चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर-स्पेशियलिटी में एम्स दिल्ली के समकक्ष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी और शीघ्र ही यहां रोबोटिक सर्जरी सेवा आरंभ होगी। इसके साथ ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज, टांडा में भी शीघ्र ही रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC), शिमला में भी रोबोटिक सर्जिकल मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। साथ ही, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय द्वारा 100 नए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी, वहीं चमियाना संस्थान में 50 अतिरिक्त नर्सों की जल्द नियुक्ति की जाएगी। पैरा-मेडिकल स्टाफ, तकनीशियनों तथा अन्य सहायक कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया भी प्रगति पर है ताकि राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और अधिक सक्षम बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन थिएटर सहायकों का मासिक मानदेय ₹17,820 से बढ़ाकर ₹25,000 किया गया है, वहीं रेडियोग्राफरों एवं एक्स-रे तकनीशियनों का मानदेय ₹13,100 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में पैरा-मेडिकल शिक्षा सीटों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 23 वर्षों बाद प्रमुख पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। IGMC शिमला में बी.एससी. मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, बी.एससी. रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग तथा बी.एससी. एनेस्थीसिया एंड ओ.टी. टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में सीटें 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई हैं। इसी प्रकार टांडा मेडिकल कॉलेज में इन तीनों पाठ्यक्रमों में सीटें 18 से बढ़ाकर 50 की गई हैं। इससे राज्य के युवाओं को प्रदेश में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, विशेष सचिव डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।