तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन से खुले रोजगार के द्वार, अढ़ाई साल में मंडी जिला के 4414 आईटीआई प्रशिक्षुओं को मिला रोजगार

B.R.Sarena मंडी, 20 जुलाई, 2025

तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन से खुले रोजगार के द्वार, अढ़ाई साल में मंडी जिला के 4414 आईटीआई प्रशिक्षुओं को मिला रोजगार

· मुख्यमंत्री के दूरदर्शी निर्णय से तकनीकी संस्थानों में प्रशिक्षण गुणवत्ता में भी आ रहा सुधार

आधुनिक तकनीकी शिक्षा के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ने के प्रदेश सरकार के प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। मंडी जिला के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में अध्ययनरत तथा पूर्व में पास आऊट 4,414 से अधिक युवाओं को कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से देश की अग्रणी कंपनियों में रोजगार मिला है।

मंडी जिला में गत अढ़ाई साल के आंकड़े आधुनिक तकनीकी शिक्षा में दक्ष युवाओं में एक नई उम्मीद जगा रहे हैं। जनवरी, 2023 से जून, 2025 तक आई.टी.आई. जोगिंद्रनगर में 450 प्रशिक्षुओं को जबकि आईटीआई मंडी में कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से 3,938 युवाओं को चुना गया। वर्ष 2023 में आईटीआई मंडी में 876, वर्ष 2024 में 1477 तथा वर्ष 2025 में 1585 प्रशिक्षुओं का चयन हुआ। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (पीडब्ल्यूडी) सुंदरनगर से भी हाल ही में 16 प्रशिक्षुओं का चयन नामी कंपनी में हुआ है। टीवीएस मोटर कंपनी, नालागढ़ (सोलन) द्वारा आयोजित इस विशेष कैंपस प्लेसमेंट अभियान में संस्थान के कुल 27 दिव्यांग प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। आईटीआई कोटली से हाल ही में स्विंग टेक्नोलॉजी ट्रेड की 10 प्रशिक्षु छात्राओं का चयन नामी कंपनी में हुआ है।

प्रदेश सरकार की पहलें

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने युवाओं के कौशल में निखार लाते हुए हर एक युवा को रोजगार देने के लिए तकनीकी संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने, प्रशिक्षण उपकरणों को आधुनिक बनाने और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। इसके तहत विभिन्न रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार हासिल करने योग्य प्रशिक्षण प्रदान करने के लक्ष्य से स्मार्ट क्लासरूम, इंडस्ट्री विजिट और प्लेसमेंट प्रशिक्षण की सुविधाएं दी जा रही हैं।

क्या कहते हैं निदेशक

तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के निदेशक अक्षय सूद ने बताया कि जिला मंडी में 25 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चलाए जा रहे हैं जिनमें लगभग चार हजार प्रशिक्षु प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। प्रशिक्षुओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न संस्थानों में कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत गत अढ़ाई वर्षों में जिला के 4414 से अधिक प्रशिक्षुओं को नामी कंपनियों द्वारा चयनित किया गया है।

कंपनियों का विश्वास

एलएंडटी कंस्ट्रक्शन स्किल्स, मारुति सुजुकी, जेएमडी मैनपॉवर सॉल्यूशन और बायस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड, टीवीएस मोटर्स लिमिटेड नालागढ़, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड मोहाली, हीरो मोटोकॉर्प, वर्धमान, एआर एंटरप्राइजेज, माइक्रोटेक, नाहर स्पिनिंग मिल्स पंजाब, माइक्रोटेक न्यू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड बद्दी, जीएमपी बरोटीवाला, बद्दी, जेएसडब्ल्यू किन्नौर तथा माइक्रोटेक न्यू टेक्नोलॉजी प्रा. लिमिटेड बद्दी जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों ने न केवल जिला मंडी के छात्रों को चुना, बल्कि भविष्य में और भी छात्रों को अवसर देने की इच्छा जताई है।

प्रशिक्षुओं ने जताई खुशी, सरकार को कहा थैंक्स

कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से चुने गए युवाओं को कंपनियों द्वारा 12 हजार रूपये से 33 हजार पांच सौ रुपए मासिक वेतन ऑफर किया गया है जबकि कुछ बड़ी व नामी कंपनियों द्वारा आवासीय तथा अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं।

आईटीआई जोगिंद्रनगर के प्रशिक्षु अक्षय ठाकुर, अरुण कुमार व नमीश ने कहा कि उनकी अपने ही संस्थान से जॉब प्लेसमेंट पर वे खुश हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें एआर इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जॉब ऑफर लेटर दिए गए। इसमें 13,500 प्रतिमाह वेतन के साथ अन्य भत्ते भी शामिल हैं।

आईटीआई मंडी में टर्नर ट्रेड के ट्रेनी कमलेश, राहुल और बैल्डर ट्रेनी हितेश ने बताया कि हाल ही में चंडीगढ़ और बद्दी की कंपनियों में हमारा कैम्पस प्लेसमेंट हुआ है तथा अच्छी सैलरी मिलेगी। इसके लिए हम सरकार व आईटीआई प्रिंसिपल का धन्यवाद करते हैं जिनके प्रयासों से ट्रेनिंग के दौरान ही नौकरी का ऑफर मिला है।

उपायुक्त ने की सराहना

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों और तकनीकी शिक्षा विभाग के सहयोग से मंडी जिले को कौशल विकास और रोजगार में अग्रणी बनाया जा रहा है।

घर-द्वार पर मिल रहे रोजगार के अवसर

यह सफलता उन हजारों युवाओं के सपनों को नई उड़ान दे रही है जो तकनीकी शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। तकनीकी शिक्षा के आधुनिकीकरण के साथ ही औद्योगिक संस्थानों से समन्वय स्थापित कर कैंपस प्लेसमेंट जैसी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना युवाओं के लिए बड़ा अवसर सिद्ध हो रहा है। पहले जहां नौकरी पाने के लिए उन्हें साक्षात्कार के लिए बाहरी शहरों में जाना पड़ता था, अब रोजगार के अवसर संस्थानों में ही मिल रहे हैं।

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